बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार शाम एक गंभीर बीमारी से लड़ते हुए निधन हो गया. वह 72 वर्ष की थीं और दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती थी. आइए जानते हैं वह कौन की बीमारी से पीड़ित थीं.
Trending Photos
बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार शाम एक गंभीर बीमारी से लड़ते हुए निधन हो गया. वह 72 वर्ष की थीं और दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती थी. बीते सोमवार को उनकी स्थिति अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शारदा सिन्हा 2018 से ही मल्टीपल मायलोमा नामक एक जानलेवा बीमारी से पीड़ित थी. मल्टीपल मायलोमा एक प्रकार का ब्लड कैंसर है, जो प्लाज्मा सेल्स (Plasma Cells) को प्रभावित करता है. यह खून में एक विशेष प्रकार की व्हाइट ब्लड सेल्स होता है, जो शरीर की इम्यूनिटी को बनाए रखने में मदद करती है. इस बीमारी में प्लाज्मा सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं और हड्डियों के अंदर ही ट्यूमर का रूप ले लेती हैं. ये सेल्स शरीर में अन्य हेल्दी सेल्स को नष्ट करती हैं और हड्डियों को कमजोर बना देती हैं.
मल्टीपल मायलोमा के लक्षण
मल्टीपल मायलोमा के शुरुआती लक्षण स्पष्ट नहीं होते, जिससे यह बीमारी अक्सर देर से पकड़ में आती है. कुछ सामान्य लक्षणों में शरीर में दर्द, हड्डियों का टूटना, खून की कमी, थकान और इम्यूनिटी में कमी शामिल हैं. इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को बार-बार संक्रमण, बुखार, कमजोरी और हड्डियों में दर्द की शिकायत होती है. इसके अलावा, कई बार इसका प्रभाव किडनी और अन्य अंगों पर भी पड़ता है.
शारदा सिन्हा की सेहत और इलाज
मल्टीपल मायलोमा का इलाज कई चरणों में किया जाता है, जिनमें कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट शामिल हैं. इस बीमारी का इलाज लम्बा होता है और मरीज को नियमित रूप से अस्पताल में चेकअप करवाने की आवश्यकता होती है. नई तकनीक और दवाइयों से अब इसके इलाज में काफी सुधार आया है, जिससे मरीज की जिंदगी बढ़ाई जा सकती है.
लोक गायकी में अतुलनीय योगदान
शारदा सिन्हा ने अपने जीवन को बिहार की लोक गायकी के लिए समर्पित कर दिया. उनका जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार में हुआ था. उन्होंने मुख्य रूप से मैथिली और भोजपुरी भाषा में गीत गाए, जो बिहार और उत्तर प्रदेश में अत्यंत लोकप्रिय हुए. उनके गीतों में छठ पूजा, शादी और सांस्कृतिक त्योहारों का विशेष स्थान था. उनके छठ पर्व के गीतों ने हर दिल में अपनी खास जगह बनाई.